पंद्रह संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पंदरह] दे॰ 'पंदरह' । उ॰— पंद्रह दश इकीहि सप्त, मन मैं धरै परोय ।—प्राण॰, पृ॰ ५५ ।