पन्ना
संज्ञा
एक प्रकार का आभूषण में उपयोग किया जाने वाला चमकीला वस्तु
अनुवाद
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
पन्ना ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पर्ण] पिरोजे की जाति का हरे रंग का एक रत्न जो प्रायः स्लेट और ग्रेनाइट की खानों से निकलता है । मरकत । जमुर्रत । विशेष—क्रोमियम नामक एक रंगवर्धक तत्व के कारण अन्यसजा- तीय रत्नों की अपेक्षा इसका रंग अधिक गहरा और नेत्राकर्षक होता है । जो पन्ना जितना ही गहरा हरा और आभायुक्त और बेदाग होता है वह उतना ही मूल्यवान समझा जाता है । भूरे अथवा पीलापन या श्यामता लिए हुए टुकड़े अल्प मूल्य समझे जाते हैं । सर्वोत्तम पन्ना दक्षिण अमेरिका की कोलं- बिया रियासत की खानों से निकलता है । भारत की पन्ना रियासत की खानों से भी प्राचीन काल से पन्ना निकलता है । भारतवासी बहुत प्राचीन काल से इसका व्यवहार करते आए हैं । अर्थात् प्राचीन पुस्तकों में मरकत शब्द और उसके पर्याय पाए जाते हैं । फलित ज्योतिष के अनुसार इसके अधिष्ठाता देवता बुध हैं । इसके धारण करने से उनकी कोपशांति होती है । वैद्यक में पन्ना शीतल, मधुर, रसयुक्त, रुचिकारक, पुष्टिकर, वीर्य- वर्धक और प्रेतबाधा,अम्लपित्त, ज्वर, वमन, श्वास, मंदाग्नि, बवासीर, पांडुरोग और विशेष रूप से विष का नाश करनेवाला माना गया है । पर्या॰—मरकत । मरक्त । गारुत्मक । गारुत्मत । गरुडाश्य । गरुडांकित । राजनील । अश्मगर्भ । हरित्मणि । रौहिणेय । सौपर्ण । गरुडोदगीर्ण । बुधरत्न । अश्वगर्भज । गरलारि । वापबोल । गरुड । गारुड । गारुडोत्तीर्ण । वाप्रबोल ।
पन्ना ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पर्ण्ण]
१. पुस्तक आदि का का पृष्ठ । वरक । पत्र ।
२. भेड़ों के कान का वह चौड़ा भाग जहाँ का ऊन काटा जाता है ।
३. देशी जूते के एक ऊपरी भाग का नाम जिसे पान भी कहते हैं ।
४. आम आदि का पानक । पना ।