परछत्ती संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ परि ( = अधिक, ऊपर) + छत ( = पटाव)] १. घर या कोठरी के भीतर दीवार से लगाकर कुछ दूर तक बनाई हुई पाटन जिसपर सामान रखते हैं । टाँड़ । पाटा । २. हलका छप्पर जो दीवारों पर रख दिया जाता है । फूस आदि की छाजन ।