परत
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]परत संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ पत्र, हिं॰ पत्तर वा सं॰ पटल]
१. मोटाई का फैलाव जो किसी सतह के ऊपर हो । स्तर । तह । जैसे, — इसपर गीली मिट्टी की एक परत चढा़ दो । उ॰—बालू की परत पर परत जमने से ये चट्टानें बनी हैं ।—शिवप्रसाद (शब्द॰) ।
२. लपेटी जा सकनेवाली फैलाद की वस्तुओं (जैसे, कागज, कपड़ा, चमडा़, इत्यादि ) का इस प्रकार का मोड़ जिससे उनके भिन्न भिन्न भाग ऊपर नीचे हो जायँ । तह । जैसे,—इस कपड़े को परत लगाकर रख दो । क्रि॰ प्र॰—लगाना ।
३. कपड़े, कागज आदि के भिन्न भिन्न भाग जो जोड़ से नीचे ऊपर हो गए हों । तह ।
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