परताप पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रताप] दे॰ 'प्रताप' । उ॰—सुवा असीस दीन्ह बड़ साजू । बड़ परताप अखंडित राजू ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰ ३२ ।