परत्व

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

परत्व संज्ञा पुं॰ [सं॰] पर होने का भाव । पहले या पूर्व होने का भाव । यौ॰—परत्व अपरत्व = पहले पीछे का भाव । विशेष—वैशेषिक में द्रव्य के जो २४ गुण माने गए हैं उनमें 'परत्व' 'अपरत्व' भी है । 'परत्व' 'अपरत्व' देश और काल के भेद से दो प्रकार के होते हैं ।—कालिक और दैशिक । जैसे,'उसका जन्म तुमसे पहले का है' । यह कालसंबंधी 'परत्व' हुआ । 'उसका घर पहले पड़ता है', यह देशसंबंधी 'परत्व' हुआ । देशसंबंधी परत्व अपरत्व का विपर्यय हो सकता है, पर कालसंबंधी परत्व अपरत्व का नहीं ।