परनाली
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]परनाली संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ प्रणाली]
१. छोटा परनाला । मोरी । उ॰—आली तो कुच सैल तें नाभिकुंड को जाय । रोमाली न सिंगार की परनाली दरसाय ।—स॰ सप्तक, पृ॰ २५५ ।
२. अच्छे घोड़ों की पीठ का (पुट्ठों और कंधों की अपेक्षा) नीचापन जो उनकी तेजी प्रकट करता है । क्रि॰ प्र॰—करना ।