परभात

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

परभात पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रभात] दे॰ 'प्रभात' । उ॰—(क) हरष हृदय परभात पयाना ।—मानस, १ । (ख) कहौं सुनौ ब्रज ही के बात । ब्रज बसि लखों साँझ परभात ।— घनानंद, पृ॰ ३२४ ।