परवान

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

परवान पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रमाण]

१. प्रमाण । सबूत । उ॰— हमारे कहत रहै नहिं मानू । जो वह कहै सोइ परवानू ।— पदमावत, पृ॰ २५६ ।

२. यथार्थ बात । सत्य बात ।

३. सीमा । मिति । अवधि । हद । उ॰—(क) तपवल तेहि करि आपु समाना । रखिहौं इहाँ बरस परवाना ।— तुलसी (शब्द॰) । (ख) नौ लख जल के जीव बखानी । चतुर लक्ष पक्षी परवानी ।—कबीर सा॰, पृ॰ ३७ । विशेष—इस अर्थ में इस शब्द का प्रयोग प्रायः अब्ययवत् रहता है ।

परवान ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पाल, फा॰ बादबान] जहाज का पाल । बादबान ।