परसना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

परसना पु ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ स्पर्शन]

१. छूना । स्पर्श करना ।

२. छुलाना । स्पर्श कराना । उ॰—साधन हीन दीन निज अध बस शिला भई मुनि नारी । गृह ते गवनि परसि पद पावन घोर ताप तें तारी ।—तुलसी (शब्द॰) ।

परसना ^२ क्रि॰ स॰ [सं॰ परिवेक्षण] भोज्य पदार्थ किसी के सामने रखना । परोसना । विशेष—इस क्रिया का प्रयोग भोजन और भोजन करनेवाले दोनों के लिये होता है । जैसे, खाना परसना, किसी को परसना । संयो॰ क्रि॰—देना ।—लेना ।