परसपखान पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्पर्श + पाषाण] पारस पत्थर । स्पर्श मणि । उ॰—रूपवंत धनवंत सभागे । परपखान पौरि तिन्ह लागे ।—जायसी (शब्द॰) ।