परहरना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]परहरना पु क्रि॰ स॰ [सं॰ परि + हरण] परित्याग करना । छोड़ना । उ॰—(क) घट की मानि अनीति सब मन की मेटि उपाधि । दादू परहर पंचकी, राम कहैं ते साध ।— दादू॰, पृ॰ ४१० । (ख) भक्ति छुड़ावै निगुरा करई । कहे कहाए जो परहरई ।—विश्राम (शब्द॰)
- किसी की चीज़ पर बलपूर्वक किया जाने वाला त्याग।
- त्यागने या छोड़ने की क्रिया; तजना; परित्याग ।
- दोष आदि दूर करना; निवारण ।