परार पु वि॰ [सं॰ पर + आर (प्रत्य॰)] [वि॰ स्त्री॰ परारी] दूसरे का । पराया । बिराना । उ॰—बादर की छाँही बैसे जीवन जग माँही, उठि देखु नाहीं कौन आपनों परार है ।—(शब्द॰) ।