परित्राण संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. किसी की रक्षा करना,विशेषत:ऐसे समय में जब कोई उसे मार डालने को उद्यत हो । बचाव । हिफाजत । रक्षा । २. आत्मरक्षण । अपनी रक्षा । ३. शरीर के बाल । रोंगटे । ४. पूर्णत: रक्षण या बचाव (को॰) । ५. पनाह । शरण । आश्रय (को॰) ।