परिस्रुत
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
परिस्रुत ^१ वि॰ [सं॰]
१. जो चू या टपक रहा हो । स्रावयुक्त ।
२. टपकाया हुआ । निचोड़ा हुआ । जिसमें से जल का अंश अलग कर लिया गया हो ।
परिस्रुत ^२ संज्ञा पुं॰ फूलों का सार । पुष्पसार । इत्र (वैदिक) ।
परिस्रुत दधि संज्ञा पुं॰ [सं॰] ऐसा दही जिसका पानी नीचोड़ लिया गया हो । निचोड़ा हुआ दही । वैद्यक में ऐसे दही को वातपित्तनाशक, कफकारी और पोषक लिखा है ।