पलचर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पलचर संज्ञा पुं॰ [सं॰ पल (= मांस) + चर (= भक्षण)]

१. एक उपदेवता जिसका वर्णन राजपूतों की कथाओं में है । उ॰— मिली परस्पर डीठ बीर पग्गिय रिस अग्गिय । जग्गिय जुद्ध बिरुद्ध उद्ध पलचर खग खग्गिय । भग्गिय सद्य श्रृगाल काल दै ताल उगग्गिय । लग्गिय प्रेत पिशाच पत्र जुग्गिन लै नग्गिय । रग्गिय सुररंभादि गण रुद्र रहस आवज धमिय । सन्नाह करहि उच्छाह भट दुहुँ सिपरह जब झमझमिय ।— सूदन (शब्द॰) । विशेष— इसके संबंध में लोगों का विश्वास है कि यह युद्ध में मरे हुए लोगों का रक्त पीता और आनंद से नाचता कूदता है ।

२. मांसभक्षी पक्षी । मांस खानेवाले पक्षी ।