पलटे
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पलटे † क्रि॰ वि॰ [हिं॰ पलटा] बदले में । एवज में । प्रतिफल स्वरूप ।—उ॰— (क) आपु दयो मन फेरि लै, पलटे दीनी पीठ । कौन बानि वह रावरी लाल लुकावत दीठ ।—बिहारी (शब्द॰) । (ख) जे सुर सिद्ध मुनीस योगि बुध बेद पुरा न बखाने । बूजा लेत देत पलटे सुख हानि लाभ अनुमाने ।— तुलसी (शब्द॰) । विशेष— असल में यह अव्यय नहीं है वल्कि 'पलटा' संज्ञा का सप्तमी विभक्तियुक्त रूप है । परंतु अन्य बहुत से सप्तम्यंत पदों की भाँति इसका भी विना विभक्ति के व्यववार होने लगा है, इस कारण ।