पवन
पठन सेटिंग्स
यह हवा के चलने को कहते हैं। इसका उपयोग मुख्यतः पवन ऊर्जा से जुड़े वाक्यों में अधिक करते हैं।
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
पवन ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. वायु । हवा । मुहा॰— पवन का भूसा होना = उड़ जाना । न ठहरना । कुछ न रहना । उ॰— माधो जू सुनिए ब्रज ब्यौहार । मेरो कह्मो पवन को भुस भयो गावत नंदकुमार ।— सूर (शब्द॰) ।
२. कुम्हार का आँवा ।
३. जल । पानी ।
४. श्वास । साँस ।
५. अनाज की भूसी अलग करना ।
६. प्राणवायु ।
७. विष्णु ।
८. पुराणानुसागर उत्तम मनु के एक पुत्र का नाम ।
पवन पु ^२ वि॰ शुद्ध । पवित्र । पावन ।