पशुपति
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पशुपति संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. पशुओं का स्वामी ।
२. जीवों का ईश्वर या मालिक ।
३. शिव । महादेव । उ॰— गणपति सुखदायक, पशुपति लायक सूर सहायक कौन गनै ।— राम चं॰, पृ॰ ७ । विशेष— शैव दर्शन और पाशुपत दर्शन में जीवमात्र 'पशु' कहे गए हैं और सब जीवों के अधिपति 'शिव' ही परमेश्वर माने गए हैं ।
४. अग्नि ।
५. ओषधि ।