पसर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पसर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रसर] गहरी की हुई हथेली । एक हथेली को सुकोड़ने से बना हुआ गड्ढा । करतलपुट । आधी अंजली । जैसे,—इस भिखभंगे को पसर भर आटा दे दो ।

पसर ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रसर] विस्तार । प्रसार । फैलाव ।

पसर ^३ संज्ञा पुं॰ [देश॰]

१. रात के समय पशुओं को चराने का काम । क्रि॰ प्र॰—चराना ।

२. आक्रमण । घावा । चढ़ाई ।