पसार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पसार संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रसार]

१. पसरने की क्रिया या भाव । प्रसार । फैलाव । उ॰—सात सुरति तब मूल है उत्पति सकल पसार । अक्षर ते सब सृष्टि भई, काल ते भए तिछार ।—कबीर सा॰, पृ॰ ९२१ ।

२. विस्तार । लंबाई और चौडा़ई आदि ।

३. प्रपंच । मायाविस्तार ।