पसारा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पसारा † संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रसार] दे॰ 'प्रसार' । उ॰—(क) शब्दै काया जग उतपानी शब्दै केरि पसारा ।—कबीर, श॰, भा॰ १, पृ॰ ४३ । (ख) जो दिखियत यह बिस्व पसारौ । सो सब क्रीड़ा भांड तुम्हारौ ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ २८२ ।