पहन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पहन पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पाहन] दे॰ 'पाहन' वा 'पाषाण' । उ॰— (क) अदिन आय जो पहुँचे काऊ । पहन उड़ाय बहै सो बाऊ ।—जायसी (शब्द॰) । (ख) अब की घडी़ चिनग तेहि छूटे । जरहिं पहाड़ पहन सब फूटे ।—जायसी (शब्द॰) ।
पहन ^२ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰] वह दूध जो बच्चे को देखकर बात्सल्य भाव के कारण माँ की छातियों में भर आए और टपकते को हो ।