पहर संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रहर] १. एक दिन का चतुर्थाश । अहोरात्र का आठवाँ भाग । तीन घंटे का समय । २. समय । जमाना । युग । जैसे,—(क) कलिकाल का पहर न है ? (ख) किसी का क्या दोष, पहर ही ऐसा चढ़ा है । क्रि॰ प्र॰—चढ़ना ।—लगना ।