पहरा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पहरा ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पहर]
१. किसी वस्तु या व्यक्ति के आस पास एक या अधिक आदमियों का यह देखते रहने के लिये बैठना (अथवा बैठाया जाना) कि वह निर्दिष्ट स्थान से हटने वा भागने न पावे । रक्षकनियुक्ति । रक्षा अथवा निगह- बानी का प्रबंध । चौकी ।
पहरा ^२ संज्ञा पुं [हिं॰ पाव + रा, पौरा] पैर रखने का फल । आ जाने का शुभ या अशुभ प्रभाव । पौर । जैसे,—बहू का पहरा अच्छा नहीं है, जब से आई है एक न एक आफत लगी रहती है । (स्त्रियाँ) । मुहा॰—अच्छा पहरा = ऐसा पहरा जिसमें आरंभ किया हुआ कार्य शीघ्र पूरा हो जाय । बुरा पहरा = ऐसा पहरा जिसमें आरंभ किया हुआ कार्य जल्दी समाप्त न हो । भारी पहरा = बुरा पहरा । हलका पहरा = अच्छा पहरा ।