पहुँच

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पहुँच संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ प्रभूत (= ऊपर गया हुआ); प्रा॰ पहुच्च, पहूच]

१. किसी स्थान तक गति । किसी स्थान तक अपने को ले जाने की क्रिया या शक्ति । जैसे, — टोपी बहुत ऊँचे पर है, मेरी पहुँच के बाहर हैं ।

२. किसी स्थान तक लगातार फैलव । किसी स्थान पर्यत विस्तार ।

३. समीप तक गति । गुजर । पैठ । प्रवेश । रसाई । जैसे,— यदि उनतक आपकी पहुँच हो तो मेरी यह विनय अवश्य सुनाइए ।

४. किसी वस्तु या व्यक्ति के कहीं पहुँचने की सूचना । प्राप्तिसूचना । प्राप्ति । रसीद । जैसे,— कृपया पत्र की पहुँच लिखिएगा । क्रि॰ प्र॰—भेजना ।—लिखना ।

५. किसी विषय को समझने या ग्रहण करने की शक्ति । मर्म या आशय समझने की शक्ति । पकड़ । दौड़ । जैसे,— यह विषय बुद्धि की पहुँच के बाहर है ।

६. जानकारी का विस्तार । अभिज्ञता की सीमा । परिचय । प्रवेश । दखल । जैसे,— इस विषय में इनकी अच्छी पहुँच है ।