पहुँचा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पहुँचा संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रकोष्ठ] [संज्ञा स्त्री॰ पहुँची] हाथ की कुहनी के नीचे का भाग । बाहु के नीचे का वह भाग जो जोड़ पर मोटा और आगे की ओर पतला होता है । अग्रबाहु और हथेली के बीच का भाग कलाई । गट्टा । मणिबँध । मुहा॰— पहुँचा पकड़ना = बलात् कुछ माँगने, पूछने अथवा तकाजा या झगडा़ करने के लिये किसी को रोक रखना । जैसे,—-जब तुमने किसी का कर्ज नहीं खाया है तब तुम्हारा पहुँचा कौन पक़ड़ सकता हैं ?