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पांचाली

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पांचाली संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ पाञ्चाली]

१. गुड़िया । कपडे़ की पुतली । पंचालिकी । पंचाली ।

२. साहित्य में एक प्रकार की रीति या वाक्य-रचना-प्रणाली जिसमें बडे़ बडे़ पाँच छह समासों से युक्त और कांतिपूर्ण पदावली होती है । इसका व्यवहार सुकुमार और मधुर वर्णन में होता है । किसी किसी के मत से गौड़ी और वैदर्भी बृतियों के सम्मिश्रण को भी पांचाली कहते हैं ।

३. पांडवों की स्त्री द्रौपदी का एक नाम जो पंचाल देश की राजकुमारी थी ।

४. छोटी पीपल ।

५. इंद्रजाल के छह भेदों में से एक ।

६. शास्त्र (को॰) ।

७. स्वर- साधन की एक प्रणाली जो इस प्रकार है— आरोही— सा रे सा रे स, रे ग रे ग म, ग म ग म प, म प म प ध, प ध प ध नि, ध नि ध नि सा ।