पाऊँ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पाऊँ पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ पाद] दे॰' 'पावँ' । उ॰—जेन्हे अत्थिजन विमन न किंजिअ, जेइ अतत्थ न भणिआ, जेइ न पाउँ उमग दिजिअ ।—कीर्ति॰, पृ॰ १० ।

पाऊँ पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ पाद, प्रा॰ पाअ, पाअँ, पाउँ] पैर । उ॰— गूँगा हुआ बावला, बहरा हुआ कान । पाऊँ थें पंगुल भया, सतगुर भारया बान ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ १० ।