पाकल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पाकल ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. कुष्ठ की दवा । वह दवा जिससे कुष्ठ अच्छा होता हो ।

२. फोड़े को पकानेवाली दवा ।

३. वह सन्निपात ज्वर जिसमें पित्त प्रबल, वात मध्यम और कफ हीन अवस्था में होता है और इनके बलाबल के अनुसार इन तीनों ही की उपाधियाँ उसमें प्रकट होती हैं । इसका रोगी प्रायः तीन दिन में मर जाता है ।

४. हाथी का बुखार ।

५. अग्नि । आग ।

पाकल † वि॰ [सं॰ पाक + ल (हिं॰ प्रत्य॰)] पक्व । पका हुआ । उ॰—पाकल बिंब अइसन अधर ।—वर्ण॰, पृ॰ ५ ।