पाञ्चजन्य

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पांचजन्य संज्ञा पुं॰ [सं॰ पाञ्चजन्य] १ कृष्ण के बजाने का शंख । विशेष— इसके विषय में यह प्रसिद्ध है कि यह शंख उन्हें पंचजन नामक दैत्य के पास उस समय मिला था जब वे गुरुदक्षिणा में अपने गुरु सांदीपन मुनि को उनका मृत पुत्र ला देने के लिये समुद्र में घुसे थे । कृष्ण ने पंचजन को मारकर अपने गुरु के पुत्र को भी छुडाय था और उसका शंख भी ले लिया था । यौ॰— पांचजन्यधर = कृष्ण का एक नाम ।

२. विष्णु के शंख का नाम ।

३. पुराणानुसार हारीत मुनि के वंश के दीर्घबुद्धि नामक ऋषि का एक नाम ।

४. अग्नि ।

५. पुराणानुसार जंबूद्वीप के एक भाग का नाम ।