पाटन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पाटन ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ पाटना]
१. पाटने की क्रिया या भाव । पटाव ।
२. जो कुछ पाटकर बनाया जाय । कच्ची या पक्की छत ।
३. मकानकी पहली मंजिल से ऊपर की मंजिलें ।
४. सर्पका विष उतारने के मंत्र का एक बेद । जिसको साँप ने काटा हो उसके कान के पास पाटन मंत्र चिल्लाकर पढ़ा जाता है । उ॰—काम भुवंग विषय लहरी सी । मणि मयूर पाटन गहरी सी । —विश्राम (शब्द॰) ।
५. कई प्राचीन नगरों के नाम ।
पाटन ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] पाटने की क्रिया या भाव । चीरना । भेदना । विदारना । फाड़ना ।
पाटन ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पत्तन] दे॰ 'पट्टन' । उ॰—ऐसे पाटन आइके सौदा करो बनाय ।—कबीर श॰, भा॰ ४, पृ॰ २४ ।