पाटना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पाटना क्रि॰ स॰ [हिं॰ पाट]

१. किसी नीचे स्थान को उसके आस पास के धरातल के बराबर कर देना । किसी गहराई को मिट्टी, कुड़े आदि से भर देना ।

२. किसी चीज की रेल पेल कर देना । ढेर लगा देना । उ॰—नाटक नाट्य धार दो दीवारों के बीच या किसी गहरे स्थान के आर पार धरन, लकड़ी के बल्ले आदि बिछाकर आधार बनाना । छत बनाना ।

४. तृप्त करना । सींचना ।

५. पूर्ण करना । निबाह करना । उ॰—जमुना घाटनि गहबर बाटनि । पटुता पाज पैजपन पाटनि । —घनानंद॰, पृ॰ २५९ ।