पाठांतर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पाठांतर संज्ञा पुं॰ [सं॰ पाठान्तर ] १एक ही पुस्तक की दो प्रतियों के लेख में किसी विशेष स्थल पर भिन्न शब्द, वाक्य अथवा क्रम । भिन्न भिन्न स्थलों में लिखे हुए एक ही वाक्य के कुछ शब्दों या एक ही शब्द के कुछ अक्षरों का अदल बदल । अन्य पाठ । दूसरा पाठ । पाठभेद । जैसे,—अमूक दोहे के कई पाठांतर मिलते हैं ।

२. पाठांतर होने का भाव । पाठ का भेद । पाठभिन्नता ।