पाती
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पाती ^१ पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ पत्रिका, प्रा॰ पत्तिआ, पत्तिअ]
१. चिट्ठी । पत्री । पत्र । उ॰—तात कहाँ ते पाती आई ?—तुलसी (शब्द॰) ।
२. पत्ती । वृक्ष के पत्ते ।
पाती ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ पति] लज्जा । इज्जत । प्रतिष्ठा । उ॰—ह्वाँ ऊधो काहे को आए कौन सी अटल परी । सूरदास प्रभु तुम्हरे मिलन बिनु सब पाती उधरी ।—सूर (शब्द॰) ।
पाती ^३ वि॰ [सं॰ पातिन्] [वि॰ स्त्री॰ पातिनी]
१. नीचे फेंकने या गिरानेवाला ।
२. पतनशील । गिरनेवाला [को॰] ।