पाबंद
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पाबंद वि॰ [फा॰] [संज्ञा स्त्री॰ पाबंदी]
१. बँधा हुआ । बद्ध । अस्वाधीन । कैद ।
२. किसी नियम, आज्ञा, वचन आदि के पूर्ण रूप से अधीन होकर काम करनेवाला । आचरण में किसी विशेष बात की नियमपूर्वक रक्षा करनेवाला । किसी बात का नियमित रूप से अनुसरण करनेवाला । नियम प्रतिज्ञा आदि का पालनकर्ता । जैसे,—(क) मैं तो सदा आपके हुक्म का पाबंद रहता हूँ । (ख) वे जन्म भर में कभी अपने वादे के पाबंद नहीं हुए ।
३. नियमितः अथवा न्यायतः कोई विशेष कार्य करने के लिये बाध्य या लाचार । जो किसी वस्तु का अनुसरण करने के लिये बाध्य हो । नियम, प्रतिज्ञा, विधि, आदेश आदि का पालन करने के लिये बिबश । जैसे,— (क) जो प्रतिज्ञा मुझपर दबाब डालकर कराई गई उसका पाबंद मै क्यों होऊँ? (ख) आपका हर एक हुक्म मानने के लिये मै पाबंद नहीं हूँ ।
पाबंद ^२ संज्ञा पुं॰
१. घोड़े की पिछाड़ी ।
२. बेड़ी (को॰) ।
३. नौकर । दास । सेवक ।