पाम
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पाम ^१ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰]
१. वह डोरी जो गोटे, किनारी आदि के किनारों पर मजबूती के लिये बुनते समय डाल दी जाती है :
२. लड़ । रस्सी । डोरी । (लश॰) ।
पाम ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पामन्]
१. दानेदार चकत्ते या फुंसियाँ जो चमड़े पर हो जाती हैं ।
२. खाज । खुजली ।
पाम पु ^३ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पाँव] दे॰ 'पाँव' । उ॰—अरी अनोखी बाम, तूँ आई गौने नई । बाहर धरसि न पाम, है छलिया तुव ताक में ।—रसखान॰, पृ॰ १९ ।