पारचा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पारचा संज्ञा पुं॰ [फा॰ पारचह्]

१. टुकड़ा । खंड । धज्जी (विशे- षतः कपडे़, कागज आदि की) ।

२. कपड़ा । पट । वस्त्र । यौ॰—पारचाफरोश = वस्त्र का व्यवसायी । बजाज । पारचाफरोशी = बजाजी । कपडे़ का व्यापार । पारचावाक = जुलाहा । कोरी । पारचावाफी = कपड़ा बुनने का काम ।

३. एक प्रकार का रेशमी कपड़ा ।

४. पहनावा । पोशाक ।

५. कुएँ के मुँह के किनारे पर भीतर की ओर कुछ बढ़ाकर रखी हुई पटिया या लकड़ी जिसके उस पार से डोरी लटकाकर पानी खींचा जाता है । विशेष— यह इसलिये रखी जाती है जिसमें नीचे यटा ऊपर आते समय पानी का बर्तन कुएँ की दीवार से दूर रहे, उससे बार बार टकराया न करे । इसपर पानी खींचते समय कभी कभी पैर भी रख देते हैं ।