पालक

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पालक साग

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पालक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. पालनकर्ता ।

२. राजा । नरपति (को॰) ।

३. अश्वरक्षक । साईस ।

४. अश्व । तुरग (को॰) ।

५. चोते का पेड़ ।

५. पाला हुआ लड़का । दत्तक पुत्र ।

७. पालन करनेवाला । पिता (को॰) ।

८. रक्षण । बचाव (को॰) ।

९. वह व्यक्ति जो किसी बात का निर्वांह करे (को॰) ।

पालक ^२ वि॰ रक्षक । त्राता ।

पालक ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पालङ्क] एक प्रकार का साग । विशेष— इसके पौधे में टहनियाँ नहीं होतीं, लंबे लंबे पत्ते एक केंद्र से चारों ओर निकलते हैं । केंद्र के बीच से एक डंठल निकलता है जिसमें फूलों का गुच्छा लगता है ।

पालक पु ^४ संज्ञा पुं॰ [हि॰ पलंग] पलंग । पर्य्यंक । उ॰— को पालक पौढे़ को माढ़ी । सोवनहार परा बँदि गाढ़ी ।— जायसी (शब्द॰) ।

पालक जीही संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक छोटा पौधा जो दवा के काम में आता है ।