पाहन पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ पाषाण प्रा॰ पाहण, पाहण] १. पत्थर । प्रस्तर । उ॰—(क) महिमा यह न जलधि कै बरनी । पाहन गुन न कपिन्ह कै करनी ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) पाहन ते हरि कठिन कियो हिय कहत न कछु बनि आई ।—सुर (शब्द॰) । २. पारस पत्थर । स्पर्श मणि ।