पिटक संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. पिटारा । २. फुड़िया । फुंसी । ३. आभूषण जो इंद्रध्वजा में लगाया जाता है । ४. धान्यकोष्ठ । धान्यागार । कुसूल (को॰) । ५. किसी ग्रंथ का एक भाग । ग्रंथविभाग । खंड़ हिस्सा । जैसे, त्रिपिटक=तीन भागोंवाला (बौद्ब) ग्रंथ ।