सामग्री पर जाएँ

पिटक

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

पिटक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. पिटारा ।

२. फुड़िया । फुंसी ।

३. आभूषण जो इंद्रध्वजा में लगाया जाता है ।

४. धान्यकोष्ठ । धान्यागार । कुसूल (को॰) ।

५. किसी ग्रंथ का एक भाग । ग्रंथविभाग । खंड़ हिस्सा । जैसे, त्रिपिटक=तीन भागोंवाला (बौद्ब) ग्रंथ ।