पिटना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पिटना ^१ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ पीटना]

१. मार खाना । ठोंका जाना आघात सहना । उ॰—पाछे पर न कुसंग के पदमाकर यहि डीठ । पर धन खात कुपेट ज्यों पिटत वितारी पीठ । — पद्माकर (शब्द॰) ।

२. पराजित होता । हार जाना ।

३. बजना । अघात पाकर आवाज करना । जैसे, ड़ौड़ी पिटना, ताली पिटना आदि ।

पिटना ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पिटना] वह औजार जिससे किसी वस्तु को विशेषतः चूने आदि की बनी हुई छत को राज लोग पीटते है । पीटने का औजार । थापी ।