पितर संज्ञा पुं॰ [सं॰ पितृ पितर] मृत पूर्वपूरुष । मरे हुए पूरखे जिनके नाम पर श्राद्ब या जलदान किया जाता है । विशेष— दे॰ 'पितृ'—२ । उ॰—देव पितर सब तुमहिं गोसाई । राखहुँ पलक नयन की नाई । —मानस, २ । ५७ ।