पितृमेध संज्ञा पुं॰ [सं॰] वैदिक काल के अंत्येमेष्ट कर्म का एक भेद जिसमें अग्निदान और दक्षपिंडदान आदि संमिलित होते थे और जो श्राद्ध से भिन्न होता था ।