पिरो

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पिरो पु † संज्ञा पुं॰ [हिं॰] 'प्रिय' । उ॰— अठे पहर अरस मैं, बैठा पिरी पसंनि । दादू पसे तिनके जे दीदार लहंनि ।— दादू॰, पृ॰ १२९ ।