पीक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पीक ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ पिञ्च (=दबाना, निचोड़ना)]
१. थूक से मिला हुआ पान का रस । चबाए हुए बीडे़ या गिलौरी का रस । पान के रंग से रँगा हुआ थूक । थूक । यौ॰— पीकदान । पीकलीक ।
२. पहली बार का रंग । वह रंग जो कपडे़ को पहली बार रंग में डुबोने से चढ़ता है (रँगरेज) ।
पीक ^३ संज्ञा पुं॰ [अं॰] कोना (लश॰) ।
पीक ^४ वि॰ खड़ा । कायम (लश॰) ।
पीक † ^५ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] दे॰ 'पीका' । मुहा॰— पीक फूटना = पनपना ।