पीरी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पीरी संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰]
१. बूढ़ापा । वृदधावस्था ।
२. चेला मूड़ने का धंधा या पेशा । गुरुवाई ।
३. चालाकी । धूर्तता (क्व॰) ।
४. इजारा । ठेका । हुकूमत । जैसे,—क्या तुम्हारे बाबा की पीरी है ।
५. अमानुषिक शक्ति या उसके कार्य । चमत्कार । करामात (क्व॰) ।
पीरी ^२ वि॰ स्त्री॰ [हिं॰] दे॰ 'पीला' । उ॰—यह पीरी पीरी भई, पीरी मोहि मिलाय ।—ब्रज॰ ग्रं॰, पृ॰ ५६ ।
पीरी † ^३ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पीला] पीलिया या कामला रोग ।