पुखराज
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पुखराज संज्ञा पुं॰ [सं॰ पुष्पराग] एक प्रकार का रत्न या बहु- मुल्य पत्थर जो प्रायःपीला होता है पर कभी कभी कुछ हलका नीलापन या हरापन लिए भी होता है । विशेष—यह अलुमीनियम का एक प्रकार का सैकत छार है । यह हीरे से भारी पर कम कड़ा होता है । पुखराज अधिकतर ग्रेनाइट की चट्टानों और कभी कभी ज्वालामुखी पर्वतों की दरारों में मिलता है । कार्नवाल (ईँगलैंड), स्काटलैंड, ब्रैजिल, मैक्सिको, साइबेरिया और अमेरिका के संयुक्त राज में यह पाया जाता है । ब्रैजिल का गहरे पीले रंग का पुखराज सबसे अच्छा माना जाता है । यों तो भारतवर्ष तथा और पुर्विय देशों में भी यह थोड़ा बहुत पाया जाता है । हमारे यहाँ के रत्नपरीक्षा के ग्रंथों में पुष्पराग के कई भेद लिखे हैं । जो पुष्पराग कुछ पीलापन लाल रंग का हो उसे कौरंट और जो कुछ ललाई लिए पीले रंग का हो उसे काषायक कहते हैं । जो कुछ ललाई लिए सफेद हो वह सोमलक, जो बिलकुल लाल हो पद्मराग और जो नीला हो वह इंद्रनील है । इस प्रकार प्रचीन ग्रंथों में पुखराज भी कुरंड जाति के पत्थरों में माना गया है ।