पुण्य
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पुण्य ^१ वि॰ [सं॰]
१. पवित्र ।
२. शुभ । अच्छा । भला ।
३. धर्म- विहित । जैसे, पुण्य कार्य ।
४. गुणयुक्त (को॰) ।
५. न्याय- संगत (को॰) ।
६. अनुकूल । रुचि के अनुसार (को॰) । सुंदर । प्रिय (को॰) ।
७. मीठी या मधुर (गंध) ।
८. गंभीर (को॰) ।
पुण्य ^२ संज्ञा पुं॰
१. वह कर्म जिसका फल शुभ हो । शुभादृष्ट । सुकृत । भला काम । धर्म का कार्य । जैसे,—दीनों को दान देना बड़े पुण्य का कार्य है । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।
२. शुभ कर्म का संचय । जैसे,—ऐसा करने से बड़ा पुण्य होता है । क्रि॰ प्र॰—होना ।
३. पवित्रता (को॰) ।
४. पशुओं को पानी पिलाने की नाँद (को॰)
५. एक व्रत । दे॰ 'पुण्यक'—२ ।