पुदीना

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पुदीना

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पुदीना संज्ञा पुं॰ [फा़॰ पोदीनह्] एक छोटा पौधा जो या तो जमीन पर ही फैलता है अथवा अधिक से अधकि एक या डेढ़ बीता ऊपर जाता है । विशेष—इसकी पत्तियाँ दो ढाई अंगुल लंबी और डेढ़ पौने दो अंगुल तक चौड़ीःतथा किनारे पर कटावदार और देखने में खुरदारी होती है, पत्तियों में बहुत अच्छी गंध होती है इससे लोग उन्हें चटनी आदि में पीसकर डालते हैं । पुदीने को यहाँ डंठलों से ही लगाते हैं, उसका बीज नहीं बोते । पुदीने का फूल सफेद होता है और बीज छोटे छोटे होते हैं । पुदीना तीन प्रकार का होता है—साधारण, पहाड़ी और जलपुदीना । जलपुदीने की पत्तियाँ कुछ बड़ी होती हैं । पुदीना रुचिकारक, अजीर्णनाशक और वमन को रोकनेवाला है । यह पौधा हिंदुस्तान में बाहर से आया है, प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख नहीं है । यह पिपरमिंट की जाति का ही पौधा है ।